अम्बाला : गांव भनभौरी हिसार के नरेश ने गृह मंत्री अनिल विज से लगाई गुहार

- गांव भनभौरी हिसार के नरेश ने गृह मंत्री अनिल विज से लगाई गुहार
- उसकी पत्नी घर से बिना बताये 50 हजार और गहने लेकर हुई फ़रार
राजेन्द्र भारद्वाज। अम्बाला
अम्बाला : गृह शहरी स्थानीय निकाय एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने आज अपने निवास स्थान पर लोगों की समस्याओं को सुना और सम्बधिंत विभागों के अधिकारियों के निर्देश दिए कि समस्याओं का समाधान शीघ्रता के साथ किया जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी और कर्मचारी इस बात का विशेष ध्यान रखे कि लोगों की जो समस्याएं हैं उनका न केवल समय से समाधान किया जाए बल्कि पात्र लोगों को सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध करवाई जाए ताकि वे उनका लाभ उठा सकें।
गृह शहरी स्थानीय निकाय एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के सामने अपनी समस्या रखते हुए पानीपत जिला के गांव गवालड़ा निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि अक्तूबर में उनके लडके अमित गिल का एक्सीडेंट हो गया था। इस बारे में पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नही की गई। गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि इस विषय को लेकर सम्बन्धित पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये जाएंगे।
कलावड़ गांव निवासी रविन्द्र कुमार ने बताया कि कुछ समय पहले उसकी बेटी की शादी हुई थी लेकिन उसके ससुराल वाले उसे नाजायज तंग कर रहे हैं। हिसार जिला के गांव भनभौरी निवासी नरेश ने बताया कि उसकी पत्नी घर से बिना बताये चली गई है तथा जो समय 50 हजार रुपये नगद और कुछ गहने भी ले गई है। इस बारे थाने में शिकायत दर्ज करवाई है लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। छपरा गांव के सरपंच जसबीर सिंह और अन्य लोगों ने अनिल विज को बताया कि उनके गांव की पंचायती जमीन में सफेदे के पेड़ लगे हुए थे जिन्हें गांव के कुछ लोगों ने मिलकर अवैध रूप से उन्हें काट लिया है। गृह मंत्री ने इस केस की जांच के लिए उपायुक्त अम्बाला को निर्देश दिये। दी करनाल हरियाणा पैक्स लिमिटेड के प्रधान सतपाल सिंह ने बताया कि पैक्स के एक कर्मचारी ने चुनाव लडऩे के लिये अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था लेकिन चुनाव के बाद उसके भाई जोकि डिप्टी रजिस्ट्रार करनाल के कार्यालय में उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत है | उसने उसे गलत तरीके से दोबारा पैक्स में नौकरी पर लगवा दिया है तथा अन्य कर्मचारियों पर झूठी एफआईआर दर्ज करवाकर उनपर दबाव बनाया गया। उन्होंने मंत्री से इस केस की निष्पक्ष जांच करवाने की गुहार लगाई। करनाल निवासी रोहताश राणा, राकेश मलिक इत्यादि ने बताया कि वर्ष 2004 में वे औद्योगिक सुरक्षा बल में भर्ती हुए थे लेकिन पिछली सरकार ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया था। 10 साल संघर्ष करने के बाद उन्हें दोबारा रखा गया लेकिन उन्हें अभी तक रेगूलर नही किया गया है।
इस मौके पर एसडीएम सुभाष चन्द्र सिहाग, डीएसपी राम कुमार, ललित चौधरी, किरण पाल चौहान, विकास बहगल, आशीष गुप्ता, मीडिया प्रभारी विजेन्द्र चौहान समेत अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण मौजूद रहे।