अम्बाला : सनातन धर्म सनातन और पुरातन : सदगुरू गीता देवी महाराज

प्रेम मंदिर में आयोजित सत्संग समारोह में सत्संग करते सुश्री गीता देवी जी महाराज, सन्त वृन्द एवं उपस्थिति।
राजेन्द्र भारद्वाज। अम्बाला
श्री अनन्त प्रेम मंदिर अम्बाला शहर में मंगलवार को सद्गुरू शील जी महाराज की 11वीं पुण्य स्मृति में दो दिवसीय निर्वाण उत्सव का शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर मंदिर की अध्यक्षा सद्गुरू गीता देवी जी महाराज व मंदिर की समस्त देवियों साधना बहन, प्रवीण बहन, ललिता, अलका, नीलम, पूनम व उपस्थित श्रद्धालुओं ने सम्पूर्ण श्रीमद्भगवद् गीता जी के मूल 18 अध्यायों का पाठ किया। इस अवसर पर सद्गं्रथों के अखण्ड पाठ आरम्भ किए गए। धर्म प्रचारक पंडित तिलक राज शर्मा व सुरेश ओझा ने वैदिक मंत्रों के द्वारा पूजन करवाया। उन्होंने कहा कि वैदिक मंत्रों में भारी शक्ति छिपी हुई है। इन मंत्रों का श्रद्धा व विश्वास से पाठ करना अति उत्तम है। सद्गुरू गीता देवी जी महाराज ने कहा कि सद्गुरू शील जी महाराज के उपकारों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने आजीवन सनातन धर्म का प्रचार एवं प्रसार किया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म सनातन व पुरातन है। यह धर्म आत्मा का परमात्मा से मिलाप करवाने में सक्षम है। महामण्डलेश्वर बाबा रिज्जक दास जी महाराज ने भगवान श्री राधाकृष्ण जी की महिमा पर आधारित भजन गाए। रिज्जक दास जी ने कहा कि जिस प्रकार शरीर की खुराक भोजन है उसी प्रकार आत्मा की खुराक भजन है। गीता मर्मज्ञ डॉ० स्वामी अनुभवानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि वो इंसान सौभाग्यशाली है जो मन-कर्म-वचन से एक होकर ईश्वर का चिन्तन करता है। उन्होंने कहा कि चिन्तन से चिन्ताओं का नाश हो जाता है। श्री हरमिलाप मिशन के प्रचार मंत्री कृष्ण राजपाल ने कहा कि हरि का नाम सदा सुखदायी है। नाम सिमरन से समस्त पापों का नाश होता है। इस अवसर पर सुरेन्द्र सचदेवा, राकेश अरोड़ा, धरविन्द्र ङ्क्षसह चावला, पंकज भाटिया, राममूर्ति पुनयानि, पवन गुलाटी, सुरेश अरोड़ा, जोगिन्द्र वर्मा, कस्तूरी लाल सहगल, राकेश वोहरा व राजेश कुमार आदि ने आरती की।